प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कठोर फैसले लेने की प्रवृत्ति ने देश को सुदृढ़ बनाया : पूर्व न्यायाधीश शायाम लाल जांगड़ा

कुरुक्षेत्र,4 जनवरी 2020 : नागरिक संशोधन अधिनियम भारत के किसी नागरिक के खिलाफ नही है। यह कहना है पूर्व न्यायाधीश शायाम लाल जांगड़ा का  og , कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के बी.एड. कॉलेज में  पंचनद शोध संस्थान द्वारा आयोजित  गोष्ठि में बतौर मुख्यवक्ता के रूप मे बोल रहे थे । देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कठोर फैसले लेने की प्रवृत्ति ने देश को सुदृढ़ बनाया है। विश्व के कई मुस्लिम देशों ने प्रधानमंत्री को सर्वोच्च सम्मान से नवाजा है । उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण, सिविल कोड, आय से अधिक संपत्ति अधिनियम पर भी सी. ए. ए. की तरह कठोर फैंसले लेने होंगे। उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनियां में हर देश अपना नागरिकता चार्ट बनाता है तो भारत यह संशोधन करके देश को एक सही दिशा में ले जाने का काम कर रहा है । यह कानून तो आजादी के बाद ही लागू हो जाना चाहिए था। इसके लागू न होने के कारण  70 वर्षो में जो दंश झेला है वो नहीं झेलना पड़ता। इस अवसर पर गोष्टी के अध्यक्ष डॉ प्रदीप चौहान ने कहा कि नागरिकता संशोधन नियम का मतलब अपने देश को मेन्टेन करना है जो नागरिक अपने देश से प्यार करता है वह इस अधिनियम के हक़ में है । कुछ धर्म निरपेक्षता का लबादा ओढे नेता इससे देश का माहौल खराब करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि  og भारत को कम्फर्ट जोन मान कर यहाँ मौहोल खराब करते हैं इस कानून से घुसपैठियों को ही खतरा है नागरिकों को नहीं व यह कानून 100% भारतीयों के हक़ में है।इस मौके पर मुस्लिम ख़िदमत मंच, कुरुक्षेत्र के अध्यक्ष बी. आर. चौहान ने सी ए ए लागू करने पर प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया । इस अवसर पर डॉ सी. डी. एस. कौशल , डॉ मधुदीप, डॉ अरुण केसरवानी, डॉ आंनद, डॉ बाबूराम चौहान, डॉ जुगल, डॉ राजेन्द्र कुमार, डॉ राजेश कुमार, डॉ बंसीलाल, कंवर दीप शर्मा, डॉ सतीश राणा,  राजेश शर्मा, राहुल कुमार, गौरव सैनी व हुमांशु शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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