पंचनद शोध संस्थान दिल्ली प्रांत द्वारा कार्यकर्ता बैठक


पंचनद शोध संस्थान, दिल्ली प्रांत की प्रांत कार्यकर्ता बैठक दिनांक 17 मई 2020 को सायं 5:00 बजे ऑनलाइन माध्यम से हुई। बैठक में पंचनद शोध संस्थान के माननीय अध्यक्ष डॉ.कृष्ण सिंह आर्य एवं निदेशक प्रो. बृज किशोर  कुठियाला जी का मार्ग निर्देशन कार्यकर्ताओं को प्राप्त हुआ।
बैठक आरम्भ करते हुए दिल्ली प्रांत  समन्वयक डॉ. अजय कुमार जी ने बैठक में उपस्थित सभी का स्वागत किया और बैठक को आरंभ करते हुए बैठक के लिए निर्धारित विन्दुओं के साथ चर्चा का निर्देश दिया। सर्वप्रथम डॉ कृष्ण चंद्र पांडे ने सभी का परिचय कराया और बैठक की भूमिका रखते हुए बताया कि पंचनद दिल्ली प्रांत द्वारा गत नवम्बर माह में “संस्कृत और विज्ञान” विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें डॉ मुरली मनोहर जोशी, पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री, भारत सरकार का उद्बोधन रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृत संवर्धन प्रतिष्ठान के निदेशक डॉ चांद किरण सलूजा ने की। और कहा कि सभी अध्ययन केन्द्र अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने मध्य दिल्ली अध्ययन केन्द्र के प्रति अपनी चिंता प्रकट की और कहा कि शीघ्र ही यहाँ भी टोली बनाई जाएगी।
बैठक के  प्रथम भाग में  सभी केंद्रों द्वारा  पिछले 6 माह में  किए गए कार्यों का  विवरण दिया गया।
पूर्वी दिल्ली अध्ययन केन्द्र के अध्यक्ष श्री संजय मित्तल ने अध्ययन केंद्र द्वारा किए गए कार्यों एवं गोष्ठियों का विवरण दिया। उन्होंने कहा कि गत 6 माह में पूर्वी दिल्ली अध्ययन केंद्र द्वारा नागरिकता संशोधन अधिनियम पर गोष्ठी आयोजित की जिसमें  श्री के .जी सुरेश ने मुख्य प्रस्तुति दी। गोष्टी में 25 लोगों की उपस्थिति थी। मार्च माह के बाद लॉक डाउन में भी अध्ययन केंद्र द्वारा 3 सफल गोष्ठियों का आयोजन हुआ।   पूर्वी दिल्ली केंद्र के सचिव श्री रोहित वासवानी ने बताया किअग्रिम योजना के अनुसार भारतीय ज्योतिष विज्ञान की दृष्टि में कोविड-19  एवं प्रधानमंत्री द्वारा लॉक डाउन में घोषित योजनाओ पर गोष्ठी आयोजित करने की योजना है।
वैशाली अध्ययन केंद्र के सचिव श्री कुमार अमिताभ ने वैशाली अध्ययन केंद्र की रिपोर्ट प्रस्तुत की और कहा कि पिछले 6 माह में तीन गोष्ठियों एवं लॉक डाउन में “कोरोना से उपजा अमृत” विषय पर एक ई-गोष्ठी अध्ययन केंद्र द्वारा की गई। आगामी योजना के अनुसार प्रधानमंत्री द्वारा घोषित योजनाओं को किस तरह लागू कर सकते हैं इस पर गोष्ठी की योजना है। केंद्र के अध्यक्ष श्री राकेश अग्रवाल ने कहा कि वैशाली केंद्र सदस्यता शुल्क एवं गोष्ठियों की नियमितता पर  ध्यान देगा। केंद्र में अभी 35 सदस्य हैं।
पश्चिमी दिल्ली अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष श्री सूर्यप्रकाश सेमवाल ने पश्चिमी दिल्ली अध्ययन केंद्र की रिपोर्ट प्रस्तुत की। अध्ययन केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370, नागरिकता संशोधन अधिनियम विषय पर गोष्ठी आयोजित की। जनवरी माह में “उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुशासन” विषय पर गोष्टी आयोजित की जिसमें जेएनयू के प्रोफेसर हरि राम मिश्र की प्रस्तुति रही। पश्चिमी दिल्ली अध्ययन केंद्र की सदस्यता सूची 15 है।
उत्तरी दिल्ली अध्ययन केंद्र की संयोजिका डॉ सुनीता शर्मा ने अध्ययन केंद्र की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि गत 6 माह में दो गोष्ठियां आयोजित हुई। जिसमें एक गोष्ठी “अनुच्छेद 370 से आगे” विषय पर की गई। गोष्ठी में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री रवीन्द्र रायजादा की रही। दूसरी गोष्ठी अर्थव्यवस्था एवं बजट पर की गई जिसमें श्री रोहित वासवानी ने प्रस्तुति दी। आगे भी गोष्ठियों की योजना है।
विभिन्न अध्ययन केंद्रों की रिपोर्ट प्रस्तुति के पश्चात संस्थान के पूर्णकालिक श्री गोविन्द वल्लभ ने पंचनद के प्रकाशन “पंचनद संवाद” एवं संस्थान द्वारा चलाए जा रहे परम्पराओं पर शोध की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आगामी समय में केन्द्र द्वारा “पंचनद चौपाल” कार्यक्रम की भी योजना है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी गोष्ठियों की रिपोर्ट केन्द्र तक पहुंचे इसके लिए प्रत्येक अध्ययन केन्द्र के एक कार्यकर्ता को यह दायित्व लेना चाहिए। 
इसके पश्चात्   डॉ. अजय कुमार जी ने कहा कि  लॉक डॉउन का समय पंचनद के कार्य के लिए  वरदान सिद्ध हुआ है। इस काल खंड में  पंचनद का काम पहले से अधिक गति से चल है।  इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो.बृज किशोर कुठियाला जी का मार्ग दर्शन कार्यकर्ताओं को प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि जिन अध्ययन केंद्रों को गोष्ठी कराने में परेशानियां आ रही हैं उन्हें अन्य केंद्रों द्वारा सहयोग दिया जाना चाहिए। तथा शीघ्र ही मध्य दिल्ली टोली का गठन किया जाना चाहिए। निदेशक महोदय ने दो प्रकार की सूची बनाने का भी सुझाव दिया जिसमें पहली सूची सदस्यों की सूची होगी। दूसरी सूची संपर्क सूची होगी जिसमें संपर्क किए गए लोगों की सूची होगी। उन्होंने  कहा कि दिल्ली में जो भी कार्यक्रम होते हैं उनमें अन्य केंद्रों के कार्यकर्ताओं को भी जोड़ना चाहिए।
बैठक के अंतिम चरण में पंचनद शोध संस्थान के अध्यक्ष डॉ .के.एस. आर्य जी का पाथेय भी कार्यकर्ताओं को प्राप्त हुआ। उन्होंने पंचनद शोध संस्थान की स्थापना एवं उद्देश्यों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा की पंचनद का उद्देश्य एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन के रूप में सहयोग करने का था, परन्तु हम किन्हीं कारणों से इसमें पिछड गए। लेकिन गत समय में दिल्ली में सक्रियता बढ़ी है और दिल्ली को इसके लिए और आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं से और अधिक अपेक्षाएं हैं। कोरोना महामारी ने लगभग सभी की जीवन शैली को प्रभावित किया है परंतु इस कालखंड में भी पंचनद अध्ययन केंद्रों द्वारा ई-माध्यम से गोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं, यह सुखद अनुभूति है। अध्यक्ष महोदय ने सुझाव दिया कि हमारी सारी अर्थव्यवस्था त्याग पर आधारित थी जिसे हम भारतीय अर्थव्यवस्था कहते हैं इस पर चिंतन एवं मनन करना होगा। हमें अपनी शक्ति एवं क्षमताओं का विकास करना होगा।
बैठक का समापन कल्याण मंत्र  सर्वे भवन्तु सुखिनः……….. के साथ हुआ।

इस बैठक में मुख्य रूप से निम्न कार्यकर्ता उपस्थित थे –
डॉ. अजय कुमार प्रान्त समन्वयक
डॉ कृष्ण चंद पांडे, सह समन्वयक श्री संजय मित्तल, पूर्वी दिल्ली श्री रोहित वासवानी, पूर्वी दिल्ली श्री कुमार अमिताभ, वैशाली श्री शिवकुमार शर्मा, उत्तरी दिल्ली श्री राकेश अग्रवाल, वैशाली श्री अनिमेष कुमार, पूर्वी दिल्ली श्री सूर्य प्रकाश सेमवाल, पश्चिमी दिल्ली डॉ सुनीता शर्मा, उत्तरी दिल्ली श्री मुकेश गौतम, वैशाली श्री नरेंद्र दत्त, पूर्वी दिल्ली श्री गोविन्द वल्लभ, पूर्णकालिक

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