31 अगस्त 2019 भिवानी । पंचनद शोध संस्थान, भिवानी अध्ययन केंद्र द्वारा ‘जम्मू कश्मीर एकीकरण एवं वर्तमान संवैधानिक पक्ष’ विषय पर मासिक गोष्ठी का आयोजन श्री राम इंटरनेशनल स्कूल, बहल, भिवानी में किया गया । संगोष्ठी में विषय की प्रस्तुति जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र, नई दिल्ली के शोधकर्ता वह विशेषज्ञ श्री मनीष चौधरी ने की । श्री मनीष चौधरी ने कहा की 5 अगस्त 2019 को भारत सरकार द्वारा धारा 370 में संशोधन धारा 35A को हटाने में अपनाई गई प्रक्रिया व पूर्व में 26 अक्टूबर 1947 को जम्मू कश्मीर एकीकरण की प्रक्रिया के संवैधानिक पक्ष पर कोई प्रश्नचिन्ह नहीं है । उन्होंने जम्मू कश्मीर अधिमिलन से लेकर वर्तमान प्रक्रिया तक ऐतिहासिक तथ्यों सहित विस्तार से बताया । उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के बाद भारतीय संविधान व संसद द्वारा पारित सभी कानून पूर्ण रूप से सीधे लागू हो सकेंगे जिसका फायदा जम्मू कश्मीर व लदाख क्षेत्र के सर्वांगीण विकास करने में मिलेगा ।अब सरकार द्वारा दिए गए पैसे का चंद राजनीतिक परिवारों के द्वारा दुरुपयोग नहीं किया जा सकेगा । उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर के लोग अपने आप को गर्व से भारतीय कहते हैं । घाटी के कुछ राजनीतिक परिवार और स्वार्थी तत्व जनता को भारत के खिलाफ एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत उकसाते रहते हैं जबकि आम नागरिकों का इस षड्यंत्र से कोई लेना देना नहीं है । भारत सरकार के वर्तमान निर्णय से आम कश्मीरी नागरिक प्रसन्न है और वह कश्मीर के सुनहरे भविष्य के प्रति आशान्वित है । संगोष्ठी में बहल व आस-पास के महाविद्यालय वह विद्यालयों के शिक्षक, आम नागरिक व छात्र उपस्थित रहे । सभी ने जम्मू कश्मीर जैसे महत्वपूर्ण विषय पर अपनी जिज्ञासाऐ प्रकट की और सकारात्मक एवं गहर विचार मंथन किया । संगोष्ठी की अध्यक्षता श्री सुशील केडिया जी चेयरमैन श्री राम इंटरनेशनल स्कूल, बहल ने की । उन्होंने उपस्थित नागरिकों को बताया कि हमें जम्मू कश्मीर के संदर्भ में फैलाई जा रही भ्रांतियों पर ध्यान नहीं देना चाहिए, हमें समाज और देश में सकारात्मक माहौल बनाने में सक्रिय योगदान देना चाहिए । गोष्ठी का संचालन पंचनद शोध संस्थान, भिवानी अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष प्रो.अजीत कुमार द्वारा किया गया । धन्यवाद ज्ञापन श्री राम स्कूल से श्री बृजेश जी ने किया । गोष्टी में अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे सभी ने चर्चा में भाग लिया और राष्ट्रगान के साथ गोष्टी का समापन किया गया ।