संवाद में विचार को थोपा नहीं जाता,श्रेष्ठ विचार स्वयं जीतता है – प्रो. कुठियाला
नई दिल्ली : “समाज की एक सामूहिक सोच होती है,जो आत्मविश्वास के साथ प्रभावी उपस्थिति दिखाकर अपनी शक्ति का परिचय देती है | 2012 में चीन भारत के प्रति बेहद आक्रामक लगता था ,आज भारत ने केवल एलएसी पर ही नहीं हर मोर्चे पर चीन को सोचने के लिए विवश कर दिया है | जब…