प्राचीन भारत में अध्ययन के विविध आयाम विषय पर डॉ. कृष्ण गोपाल जी ने दिया व्याख्यान

चंडीगढ़ , 18 फरवरी 2023 : जीता हुआ समाज पराधीन समाज के स्वाभिमान, आत्मविश्वास को समाप्त कर देता है। हारा हुआ समाज अपनी परंपराओं को हीन भावना के साथ देखने लगता है। वह शासन करने वाले के लिए सहयोगी की भूमिका में खड़ा हो जाता है लेकिन जब पराजित समाज अपने पूर्वजों की महान परंपरा…

संवाद में विचार को थोपा नहीं जाता,श्रेष्ठ विचार स्वयं जीतता है – प्रो. कुठियाला 

नई दिल्ली : “समाज की एक सामूहिक सोच होती है,जो आत्मविश्वास के साथ प्रभावी उपस्थिति दिखाकर अपनी शक्ति का परिचय देती है | 2012 में चीन भारत के प्रति बेहद आक्रामक लगता था ,आज भारत ने केवल एलएसी पर ही नहीं हर मोर्चे पर चीन को सोचने के लिए विवश कर दिया है | जब…

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हमारी लुप्त होती परंपराएं

पार्थसारथि थपलियाल : भारतीय संस्कृति का उद्भव मानव और प्रकृति के साहचर्य के साथ हुआ। तपस्वी ऋषियों को ज्ञान की प्राप्ति हुई उस ज्ञान का उपयोग प्रकृति के साथ मानव व्यवहार को सुसंगत बिठाते हुए सनातन संस्कृति ने पल्लवित, पुष्पित और फलित होना सीखा। विश्व का प्राचीनतम लिखित ज्ञान ऋग्वेद में है जो पांच हज़ार…

मई माह में पंचनद अध्ययन केन्द्रों द्वारा 14 सफल गोष्ठियों का आयोजन किया गया

कोरोना महामारी के कारण पूरा भारतवर्ष मार्च माह में ही लॉकडाउन हो गया था। कोरना संक्रमितों की लगातार बढती हुई संख्या को देखते हुए सरकार द्वारा लॉकडाउन की समयसीमा को लगातार बढाया गया। लॉकडाउन के बीच भी पंचनद शोध संस्थान ने गत मई माह में सामाजिक संवाद को बनाए रखा, और सरकार द्वारा जारी किए…

पंचनद शोध संस्थान दिल्ली प्रांत द्वारा कार्यकर्ता बैठक

पंचनद शोध संस्थान, दिल्ली प्रांत की प्रांत कार्यकर्ता बैठक दिनांक 17 मई 2020 को सायं 5:00 बजे ऑनलाइन माध्यम से हुई। बैठक में पंचनद शोध संस्थान के माननीय अध्यक्ष डॉ.कृष्ण सिंह आर्य एवं निदेशक प्रो. बृज किशोर  कुठियाला जी का मार्ग निर्देशन कार्यकर्ताओं को प्राप्त हुआ। बैठक आरम्भ करते हुए दिल्ली प्रांत  समन्वयक डॉ. अजय…

कोरोना के अंधकार से भारत सूरज बन उगेगा

कुमार अमिताभ , वैशाली : कोरोना संकट से मानव की जान तभी बचेगी जब मां पृथ्वी की रक्षा होगी, ऐसा निष्कर्ष मातृदिवस रविवार 10 मई को आयोजित ऑनलाइन संगोष्ठी में निकल कर आया। साथ ही इस संकट से निपटने में आगे बढ़ विश्व का नेतृत्व करने से भारत के उत्थान की संभावना भी  जताई गई।…

पंचनद शोध संस्थान के विभिन्न अध्ययन केन्द्रों पर कोरोना संकट पर विशेष गोष्ठी श्रृंखला आयोजित की गई

गत अप्रैल माह – पंचनद कार्यवृत्त * कोरोना नामक महामारी के कारण सम्पूर्ण देश लाकडाउन की स्थिति से गुजर रहा है। इस महामारी से बचाव के लिए भारत सरकार द्वारा उठाया गया यह निर्णय आवश्यक एवं प्रभावी था। लाकडाउन के काल में भी संवाद की परम्परा बनी रहे इस उद्देश्य से पंचनद शोध संस्थान द्वारा ई-गोष्ठी…

आर्यों का मूल स्थान

डा. शालिनी अग्रवाल, वैश्य कॉलेज, रोहतक : ‘आर्य’ शब्द संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका सबसे प्रचलित अर्थ ‘श्रेष्ठजन’ है| आदर्श, अच्छे ह्रदय वाला, अच्छे गुणों वाला, आदरणीय, सम्माननीय, उत्तम आदि शब्द इसके पर्याय-स्वरूप प्रयुक्त होते हैं|१ ‘आर्यवर्त’(उत्तर-भारत)का वह क्षेत्र था, जहाँ आर्यों ने वैदिक धर्म संस्कृति को संपुष्ट किया| आर्यों का मूलस्थान, आदि-देश क्या…