डायबिटिज आदि अनेक बिमारियों का कारण हमारी बिगड़ती जीवन शैली है। अगर हमअपनी कुछ आदतों को सुधार लें तो बहुत शारीरिक समस्याओं से बच सकते हैं। यह कहनाहै वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ एवं स्वास्थ्य स्तंभकार डॉ. आर. कुमार का। डॉ. कुमार रविवार कोसेक्टर-10 स्थित गुर्जर भवन में पंचनद शोध संस्थान की ओर से आयोजित विचार गोष्ठीको संबोधित कर रहे हैं। गोष्ठी में पंचकूला और चंडीगढ़ के प्रबुद्ध नागरिक मौजूद रहे।
डॉ. कुमार ने कहा कि हमारी चिकित्सा प्रणाली में सबसे बड़ी गलती यह की जाती है कि हमबीमारी का इलाज दवाओं से करने की कोशिश की जाती है, जबकि अधिकतर समस्याएंहमारी पारिवारिक और व्यावसायिक परिस्थितियों के कारण खड़ी होती हैं। उन्होंने कहा किठीक समय पर सोना-जगना, सुबह करीब डेढ़ लीटर पानी पीना, धूप सेंकना और साफ हवालेकर अधिकतर बीमारियों से दूर रहा जा सकता है।
इस मौके पर जाने-माने शिक्षाविद एवं पंचनद शोध संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. केएसआर्य ने कहा कि शरीर का कोई एक अंग भी बदलवाना पड़ जाये तो लाखों रुपये खर्च होजाते हैं। इस दृष्टि से देखें तो हमारा शरीर करोड़ों रुपये का बनता है। उन्होंने कहा किसामान्य कुछ हजार रुपये की कोई मशीनरी के रखरखाव आदि पर इतना ध्यान देते हैं तोकरोड़ों रुपये के शरीर की देखभाल में इतनी घोर लापरवाही क्यों। उन्होंने कहा कि मनुष्यसबसे ज्यादा मनमानी शरीर के साथ करता जो ठीक नहीं है। ईश्वर की इस श्रेष्ठ कृति हमेंसबसे ज्यादा गंभीरता से लेना चाहिए और इसकी देखभाल के प्रति पूरी तरह से सजग रहनाचाहिए। डॉ. आर्य ने कहा कि मानव जीवन शरीर और दिमाग का समुच्य है और दोनोंमिलकर काम करते हैं। उन्होंने कहा कि शरीर की हर क्रिया कुछ विशेष केमिकल सेसंचालित होती है।
इस मौके पर दैनिक ट्रिब्यून के पूर्व संपादक एवं माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिताविश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति श्री राधेश्याम शर्मा, वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. एसपीपूनिया, पंचनद के कोषाध्यक्ष सुखदेव धीमान, एसके सांघी आदि मौजूद रहे।