भारत तभी शक्तिशाली बन सकता है जब उसके छोटे-छोटे उद्योग धन्धों को नई प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर विकसित किया जाए : कश्मीरी लाल

panchnad kuकुरुक्षेत्र 11 मई, भारत को आर्थिक रूप से समृद्ध और सशक्त बनाने में स्वदेशी का महत्वपूर्ण योगदान है। भारत तभी शक्तिशाली बन सकता है जब उसके छोटे-छोटे उद्योग धन्धों को विकसित करके नई प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जाए। यह कहना है स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल का। वह आज कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के शिक्षक कल्ब में पंचनद शोध संस्थान कुरुक्षेत्र द्वारा आयोजित भारतीय अर्थव्यवस्था में स्वदेशी की भूमिका विषय पर संगोष्ठी में अपना उदबोधन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत को सशक्त और विकसित बनाने में स्वदेशी आन्दोलन ने अपनी अहम भूमिका निभाई है।

चाहे गांधी जी द्वारा चलाया स्वदेशी आंदोलन हो या अन्य किसी महापुरूष द्वारा शुरू किया आंदोलन हो। सभी ने मेक-इन-इंडिया पर जोर दिया। उन्होंने स्वदेशी भारत का सपना साकार करने के लिए छः सिद्धान्त बताए। विकेन्द्रीकरण, ग्रामीण आधारित अर्थव्यवस्था, कामगार आधारित अर्थव्यवस्था, पर्यावरण संबंधी अर्थव्यवस्था आदि के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि विवेकानन्द जी जो बोले, अंबेडकर जी ने जो बोला और वीर सावरकर ने भी जो बोला उसमें स्वदेशी भाव नजर आया।

गोष्ठी की अध्यक्षता हरियाणा कला परिषद के निदेशक अजय सिंघल ने की। उन्होंने कहा कि स्वदेशी भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार बिन्दु है। हमें अपने देश में बनी हुई वस्तुओं का प्रयोग करके इस स्वदेशी आंदोलन को कामयाब बनाना होगा। उन्होंने कला को हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग बताया। उनका मानना था कि अगर हरियाणवी संस्कृति के उत्थान के लिए कोई सबसे अहम बिन्दु है वह कला है। भारतीय कलाएं योग प्रधान हैं। हमारे ऋषियों, मुनियों ने इन पर श्रमपूर्वक शोध किया। भारत में 64 कलाएं विद्यमान हैं। हमारे शास्त्रों में ऐसा वर्णित है। भारतीय कलाएं इष्ट देवों के माध्यम से बनती हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा कला परिषद हरियाणा में कला का माहौल बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

पंचनद शोध संस्थान के सचिव डॉ बंसीलाल ने पंचनद के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पंचनद शोध संस्थान समाज में संवाद स्थापित करने का सबसे सशक्त मंच है। उन्होंने इस अवसर पर आए सभी अतिथियों का अभिनन्दन किया।
इस अवसर पर कमलजीत, प्रो श्याम कुमार, डॉ सीडीएस कौशल, डॉ प्रदीप चौहान, डॉ एसएन सचदेवा, डॉ मधुदीप सिंह, प्रो दिलीप कुमार, रविंद्र पंवार, डॉ रणवीर मथाना, डॉ विरेन्द्र पाल आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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