श्री गुरु गोविंद सिंह जी की शिक्षाओं का वर्तमान में परिपेक्ष

10 अगस्त 2019। पंचनद शोध संस्थान अध्ययन केंद्र हिसार द्वारा “श्री गुरु गोविंद सिंह जी की शिक्षाओं का वर्तमान में परिपेक्ष” विषय पर गोष्ठी का आयोजन ब्लूमिंग डेल्स स्कूल सेक्टर 15 हिसार मे किया गया। मुख्य प्रस्तुति इतिहासकार प्रोफेसर महेंद्र सिंह जी, अध्यक्ष इतिहास विभाग दयानंद कॉलेज हिसार द्वारा दी गई। कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में सरदार सुरेंद्र सिंह जी द्वारा वक्तव्य दिया गया। अपने वक्तव्य में मुख्य प्रस्तुति कर्ता श्री महेंद्र सिंह जी ने बताया की गुरु गोविंद सिंह जी न केवल एक आध्यात्मिक गुरु थे अपितु वे एक कुशल प्रशासक व समाज सुधारक भी थे। उन्होंने अपने जीवन काल में सामाजिक समरसता और समन्वय के लिए न केवल प्रयास किए बल्कि एक ऐसा जीवन जिया भी की उन्हें आज भी सामाजिक समरसता और समन्वय स्थापित करने वाला एक शिखर पुरुष माना जाता है। उन्होंने बताया की विश्व के अनेक देशों में गुरु नानक देव जी को अलग-अलग नामों से जैसे गुरुजी, बाबा फकीर, शाह, नानक शाह और बादशाह से जाना जाता है। उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया कि गुरु नानक देव जी ने ना केवल मनुष्य के जीवन के कल्याण के लिए मार्ग दिखाया अपितु मरणोपरांत मोक्ष प्राप्ति का मार्ग भी गुरु नानक देव जी ने दर्शाया है। गुरु नानक देव जी ने प्रत्येक मनुष्य में ईश्वर का वास बताया है और यह भी कहा है कि आपका जीवन इस तरह होना चाहिए कि आपको प्रत्येक मनुष्य में ईश्वर दिखे और ईश्वर में मनुष्य भी दिखाई दे। गुरु नानक देव जी ने मनुष्य जीवन के हर एक पहलू को किस तरह से समाज के लिए कल्याणकारी बनाया जा सकता है ऐसा ज्ञान अपनी वाणी के द्वारा संपूर्ण जगत के कल्याण के लिए दिया है। इसके पश्चात कार्यक्रम में उपस्थित सभी सज्जनों व मातृशक्ति द्वारा प्रश्नकाल में बहुत से प्रश्न भी पूछे गए इनका उत्तर मंचासीन महानुभावों ने बड़ी ही सरलता से दिया। और कार्यक्रम अध्यक्ष सरदार सुरेंद्र सिंह जी ने अपने वक्तव्य में कहा की सिख समाज हिंदू समाज का एक अभिन्न अंग है और गुरु नानक देव जी भी एक हिंदू ही जन्मे थे और यह ही नहीं 10 के 10 गुरु जो सिख समाज में हुए हैं सभी हिंदू थे। उन्होंने बताया कि जब गुरु नानक देव जी का प्रकाश या अवतरण इस धरती पर हुआ तब तब यहां बहुत अंधकार में वातावरण था। विशेषकर नारियों का सम्मान नहीं था वह उन पर बहुत अत्याचार किए जाते थे। उन्होंने एक दोहे के माध्यम से बताया की सतगुरु नानक जनमिया मिटी धुंध जग चानन होया अर्थात जब सतगुरु नानक का जन्म हुआ उसके पश्चात जगत से सभी तरह की कुरीतियों की धुंध छटने लगी। उन्होंने बताया कि सतगुरु नानक ने अपना सारा जीवन लगा कर समाज से सभी प्रकार की कुरीतियों को नष्ट करने का काम किया। उन्होंने विशेष रूप से समाज से छुआछूत हटाना व सामाजिक समरसता व समन्वय ता का संदेश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि गुरु नानक देव जी द्वारा दी गई सभी शिक्षाएं आज वर्तमान परिपेक्ष में भी जस की तस बनी हुई है। और सतगुरु नानक द्वारा दर्शाए गए मार्ग पर चलकर संपूर्ण रूप से समरस समाज का निर्माण किया जा सकता है जो कि आज के समय की एक आवश्यकता भी है। इसके पश्चात पंचनद शोध संस्थान अध्ययन केंद्र हिसार के अध्यक्ष डॉक्टर जगबीर सिंह जी द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। मंच संचालन संस्थान के सचिव मोहित कुमार द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विशेष रूप से श्री वाईएस बादल, प्रोफेसर एसपी गोयल, श्री ज्ञान चंद बंसल, श्री महावीर बंसल, श्री राजेंद्र जी, डॉक्टर पल्लवी, श्री कुलभूषण जांगड़ा, श्री पुनीत गर्ग  एडवोकेट, श्री नवीन जैन , श्री हरी दत्त शर्मा, श्री पवन जांगड़ा व  अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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