
फरीदाबाद, 30 जुलाई : रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। सैकड़ो साल पहले मशहूर कवि रहीम द्वारा रचित दोहा आज भी आमजन को जिंदगी में पानी के महत्व के बारे में जागरूक कर रहा है किन्तु हम आधुनिकता की अंधी दौड़ में जल सरंक्षण की वजाय अपने जल स्रोतों जैसे कि बाबड़ी, तालाब, नहरों, कुओं आदि को अपने आप गंदा कर खत्म किये जा रहे है उक्त विचार डॉ वेद प्रकाश शर्मा/ व्यतिथ, वरिष्ठ साहित्यकार ने व्यक्त किये जो पंचनद शोध संस्थान एवं भारतीय शिक्षण मंडल, फरीदाबाद अध्ययन केंद्र द्वारा वाईएमसीए विश्विद्यालय के तत्वाधान में आयोजित मासिक गोष्ठी विषय ‘ जल है तो जीवन है’ में मुख्य प्रस्तुता के रूप में पधारे थे। प्रस्तुता ने अगस्ता ऋषि की त्रिकुंठिय व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि हमे जल सरंक्षण दुनिया से नही अपने पूर्वजों से सीखना चाहिए। जिन्होंने सैकड़ो साल पहले दुनिया को जीवन मे पानी के महत्व के बारे में शिक्षा दी थी। उन्होंने युवा पीढ़ी को सचेत करते हुए कहा कि अगर उन्होंने जल्द जल संरक्षण शुरू नही किया तो वह दिन दूर नही जब नई
पीढ़ी को पानी के लिए भी विदेशों पर निर्भर होना पड़ेगा। गोष्ठी में उत्तर प्रदेश से पधारे वरिष्ठ शिक्षक एवं समाज सेवी डॉ बीरबल झा ने कहा कि पृथ्वी पर मानव सभ्यता लाने में जल का बहुत बड़ा महत्व है। उन्होंने आगे कहा कि अगर आज की पीढ़ी जल संरक्षण और जल स्रोतों को नही बचाएगी तो यही जल पृथ्वी से मानव सभ्यता को खत्म करने का बहुत बड़ा कारण बनेगा।
गोष्ठी की अध्यक्षता करते डॉ कृष्ण कांत गुप्ता, डायरेक्टर एवं प्रिंसिपल, अग्रवाल कॉलेज ने इजराइल का उदाहरण देते हुए कहा कि इजराइल के पास हमसे भी कम पानी है किन्तु वह फिर भी खेती में हमसे बहुत आगे है।इससे यह पता लगता है कि इजराइल हमसे ज्यादा पानी का महत्व जनता है अतः वह जल प्रबंधन में हमसे काफी आगे है जो हमे भी सीखना चाहिए ताकि हमारे किसान अपनी खेती में पानी कम से कम इस्तेमाल कर ज्यादा से ज्यादा फसल उत्पादन ले सके। डॉ गुप्ता ने युवा पीढ़ी को 1947 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति विन्स्टर चर्चिल के भारत मे हवा और पानी पर दिए व्यक्तव्य का जिक्र करते हुए कहा कि अगर युवा पीढ़ी ने जल्द हवा और पानी को सुरक्षित रखने की सुरुआत नही की तो वह दिन दूर नही जब भारत में हवा और पानी पर टैक्स लगेगा वाली विन्स्टर चर्चिल की बात सच साबित हो जाएगी।
इस अवसर पर प्रस्तुतकर्ता एवं अध्यक्ष महोदय ने श्रोताओं के सवालों के जवाब भी दिए।
गौरतलब है कि पंचनद शोध संस्थान, फरीदाबाद अध्ययन केंद्र जनजागृति के उद्देश्य से हर महीने समसामयिक विषय पर गोष्ठी आयोजित करता है जिसमे मशहूर विषय विशेषज्ञ प्रस्तुति देते है।