
फरीदाबाद,28 जून। केंद्र सरकार द्वारा तैयार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2019 वर्तमान भारतीय स्कूल, तकनीक एवं उच्च शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन लाने में कारगर नीति साबित होगी। नई शिक्षा नीति से सरकार देश मे शोध को बढ़ावा देने के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बनाएगी , बल्कि तकनीक एवं उच्च शिक्षा में महत्वपूर्ण बदलाव के लिए राष्ट्रीय शिक्षा आयोग बनाएगी।
उक्त विचार प्रोफेसर वेदप्रकाश कुमार, वरिष्ठ सलाहकार, चौधरी बंसीलाल विश्विद्यालय, हरियाणा ने व्यक्त किये जो पंचनद शोध संस्थान, फरीदाबाद अध्ययन केंद्र द्वारा ’21 वी शदी का भारत एवं नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2019′ नामक विषय पर वाईएमसीए विश्विद्यालय के तत्वाधान में आयोजित मासिक गोष्ठी में प्रस्तुतकर्ता के रूप में पधारे थे। उन्होंने आगे कहा कि नई नीति छात्र/छात्रा को भी अपनी रुचि के विषय चुनने की आजादी देती है।
मुख्य वक्ता ने श्रोताओं को बताया कि नई नीति देश में तक्षशिला जैसे शोध आधारित विश्विद्यालय बनाने की वकालत करती है। इसके अलावा शिक्षा नीति-2019 मेडिकल शिक्षा में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन की ओर इशारा करती है।गोष्ठी के अध्यक्ष प्रोफेसर दिनेश कुमार, कुलपति, जे.सी.बोस विज्ञान एवं तकनीक विश्विद्यालय, फरीदाबाद ने कहा कि नई शिक्षा नीति-2019 उच्च शिक्षा के नाम पर चल रही दुकानों पर ताला लगा देगी। अध्यक्ष महोदय ने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति वर्तमान प्राइमरी शिक्षा में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन लाएगी।
नई नीति लागू होने के बाद 3 साल का बच्चा स्कूल में दाखिला ले सकेगा जिससे उसका न सिर्फ मानसिक एवं शारीरिक विकास तेजी से होगा बल्कि उसकी मूलभूत शिक्षा का स्तर भी सुधरेगा। उन्होंने आशा जाहिर की कि नई शिक्षा नीति- 2019 से अगले 10 सालो में भारत को विश्व पटेल पर शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान हासिल होगा।
इस अवसर पर प्रस्तुतकर्ता एवं अध्यक्ष महोदय ने श्रोताओं के सवालों के जवाब भी दिए।गौरतलब है कि पंचनद शोध संस्थान, फरीदाबाद अध्ययन केंद्र जनजागृति के उद्देश्य से हर महीने समसामयिक विषय पर गोष्ठी आयोजित करता है जिसमे मशहूर विषय विशेषज्ञ प्रस्तुति देते है।