बौद्धिक आंदोलन लाए बगैर तरक्की नहीं हो सकती : प्रो. बी.के.कुठियाला

Prof. Kuthialaचंडीगढ़ :  माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.के.कुठियाला ने कहा कि बौद्धिक आंदोलन लाए बगैर तरक्की नहीं हो सकती, इसके लिए जरूरी है चीजों को बारिकी से समझने की और उनको अपने जीवन में संकल्प के साथ लागू करने की।
प्रो. कुठियाला शनिवार को चंडीगढ़ प्रेस क्लब में ‘बौद्धिक पुनरुत्थान आंदोलन’ विषय पर आयोजित एक सेमीनार को संबोधित कर रहे थे। इस सेमीनार का आयोजन पंचनद शोध संस्थान चंडीगढ़ ने किया था।

प्रो. कुठियाला ने इस विषय पर डेढ़ घंटे से ज्यादा लंबा भाषण दिया, इस विषय पर धार्मिक गुरुओं के प्रवचनों से लेकर स्वामी विवेकानांद, अरविंदो, नागाअर्जुन सहित हर बड़े महापुरूष का उन्होंने अपने भाषण में जिक्र किया। कार्यक्रम में आए लोगों ने कुठियाला के इस भाषण की तारीफ करते हुए कहा कि हम यह सोचते थे कि यह ऐसा विषय है जिस पर कोई ज्यादा नहीं बोल पाएगा, क्योंकि जब इस विषय का चयन किया गया तो यह संदेह था कि बौद्धिक विकास पर आखिर कोई क्या बोल सकेगा , लेकिन प्रो. कुठियाला ने बारिकी से इस विषय को गंभीरता से समझाया यह अपने आप में एक काबिलेतारिफ बात है। कुठियाला के इस भाषण का सारांश यही निकलता है कि बगैर बौद्धिक आंदोलन लाए देश और समाज में तरक्की नहीं हो सकती। मन को नियंत्रण कर उसको लक्ष्य प्राप्ति की ओर लगाएं तो कामियाबी जरूर मिलेगी। कुठियाला ने मन को कंट्रोल करने के लिए योग साधना करने पर भी जोर दिया।

Prof. Kuthiala 1गौरतलब है कि पंचनद शोध संस्थान समय-समय पर गंभीर विषयों को लेकर इस तरह के सेमीनारों का आयोजन करती रहती है। संस्थान का मुख्य उद्देश्य एक अच्छे समाज का निर्माण करना है। इस सेमीनार में काफी संख्या में पत्रकार, वकील और समाज के दूसरे क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले व्यक्ति शामिल थे। अंत में प्रो. कुठियाला ने संस्थान के लोगों को निर्देश दिए कि पंचनद शोध संस्थान का  जिन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए गठन किया था, उसमें गंभीरता से काम करने की और जरूरत है, केवल सेमीनार में आने से संस्थान के कार्य सफल नहीं होंगे, जो बाते सेमीनार में बताई जाती हैं, उनको जीवन में लागू करना भी बेहद जरूरी है।

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